वो हर सुबह जल्दी मां जगा दिया करती थी,
कभी हाथ थामकर तो कभी मारकर स्कूल भगा दिया करती थी...
हम भी बेमन अपनी पगडंडी पर उस ओर निकल जाया करते थे,
शाम को जल्दी वापस घर आना है, खेलने जाना है..सोच में डूब जाता करते थे....
अभी कल ही की तो बात है....
कुछ बड़े हुए स्कूल छोड़ा और कॉलेज की राह पर खुद ही निकल जाया करते थे,
मां सुबह तो अब भी जल्दी ही उठाती थी लेकिन अब हम भी उठ जाया करते थे...
घर से निकलते कॉलेज जाते और मस्ती में डूबे शाम को नहीं...
हां लेकिन रात को घर की ओर निकल ही आया करते थे....
अभी कल ही की तो बात है...
कभी हाथ थामकर तो कभी मारकर स्कूल भगा दिया करती थी...
हम भी बेमन अपनी पगडंडी पर उस ओर निकल जाया करते थे,
शाम को जल्दी वापस घर आना है, खेलने जाना है..सोच में डूब जाता करते थे....
अभी कल ही की तो बात है....
कुछ बड़े हुए स्कूल छोड़ा और कॉलेज की राह पर खुद ही निकल जाया करते थे,
मां सुबह तो अब भी जल्दी ही उठाती थी लेकिन अब हम भी उठ जाया करते थे...
घर से निकलते कॉलेज जाते और मस्ती में डूबे शाम को नहीं...
हां लेकिन रात को घर की ओर निकल ही आया करते थे....
अभी कल ही की तो बात है...
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